Mother writes
Oct 8, 2023
I
गोरैया और गिलहरी
आज प्रातः मुंडेर से वृक्ष पर फुदकती गिलहरी देखकर
मन आज बहती हवा सा प्रसन्न हो गया
चहकती गोरैया एक डाल से उस डाल पर जाते हुए मानो संदेश दे रही है कि अभी बाकी है कुछ आशा
बचा लो मुझे।
II
दृष्टिकोण
कोई उड़ती चिड़िया देखें। कोई
फूल को देखें कोई पत्ते, फल को देखें
कोई देखें पत्ते हरे
सबका अपना-अपना दृष्टिकोण, सबकी अपनी अपनी दृष्टि
सबकी अपनी अपनी आवश्यकता है
जो बना देती है हमारे दृष्टिकोण को
पहाड़ों पर चूल्हे के लिए सुखी लकड़ी की आवश्यकता
कटवा देती है हरे पेड़